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इतिहास

ब्राह्मण समाज का इतिहास बहुत प्राचीन भारत के वैदिक धर्म से आरंभ होता है। भारत का मुख्य आधार ही ब्राह्मणो से शुरू होता है। ब्राह्मण नरम व्यवहार के होते है | ब्राह्मण व्यवहार का मुख्य स्रोत वेद हैं। ब्राह्मण समय के अनुसार अपने आप को बदलने में सक्षयम होते है। ब्राह्मणो का भारत की आज़ादी में भी बहुत योगदान रहा है जो इतिहास में गढा गया है। ब्राह्मणो के सभी सम्प्रदाय वेदों से प्रेरणा लेते हैं। पारंपरिक तौर पर यह विश्वास है कि वेद अपौरुषेय (किसी मानव/देवता ने नहीं लिखे) तथा अनादि हैं, बल्कि अनादि सत्य का प्राकट्य है जिनकी वैधता शाश्वत है। वेदों को श्रुति माना जाता है (श्रवण हेतु, जो मौखिक परंपरा का द्योतक है)।

आगामी कार्यक्रम

भगवान परशुराम प्रकटोत्सव, हिन्दू नववर्ष स्नेह सम्मेलन एवं नव-निर्वाचित पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह

दिनांक-2025-04-27
संक्षिप्त :-
भगवान परशुराम प्रकटोत्सव, हिन्दू नववर्ष स्नेह सम्मेलन एवं नव-निर्वाचित पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह

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